वतन जायसवाल
रायपुर। ओलंपिक के कुश्ती मुकाबले में स्वर्ण पदक की उम्मीद एक बार फिर टूट गई। भारतीय पहलवान रवि दहिया को रूसी पहलवान जाउर उगुएव ने 7-4 से मात दी।
फाइनल मुकाबले से पहले ही जाउर उगुएव को ही मजबूत माना जा रहा था। क्योंकि उन्होंने अबतक कुल 15 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया है। जिसमें से 14 में पदक जीता है। इन 14 पदकों में उन्होंने 12 बार गोल्ड पर कब्जा जमाया है। आज उन्होंने अपने नाम एक और गोल्ड मेडल किया।
भारतीय रेसलर रवि दहिया ने 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने 2018 में अंडर-23 चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
बात इन दोनों पहलवानों के पहले मुकाबलों की करें तो इससे पहले वर्ल्ड चैंपिनशिप 2019 में ये एक दूसरे से भिड़ चुके हैं। उस मुकाबले में रवि दहिया को 6-4 से हार का सामना करना पड़ा था और इस बार भी रूस का पहलवान रवि दहिया पर भारी पड़ा है।
रेस्लिंग में भारत के लिए सबसे पहला मेडल 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में केडी जाधव ने पदक जीता था। इसके बाद भारत को 56 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था और 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सूखा खत्म किया था। इसके बाद सुशील ने ही 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था और वह भारत के लिए ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज और 2016 रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
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