वतन जायसवाल
रायपुर। भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को 5-4 के अंतर से हराकर 41 साल बाद ओलंपिक पदक अपने नाम किया। तीसरे स्थान और कांस्य पदक के इस मुकाबले में भारतीय टीम ने दमदार खेल दिखाया और कांस्य पदक देश के नाम किया।
हालांकि मौजूदा वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर मौजूद भारत ने इस मुकाबले में खराब शुरुआत की और जर्मनी ने मैच के पहले मिनट में ही गोल कर 0-1 बढ़त बना ली। जर्मनी की ओर से तिमुर ओरुज ने ये गोल किया। भारत को पांचवे मिनट में वापसी का मौका मिला लेकिन रुपिंदर पाल सिंह पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में नाकाम रहे। पहले क्वॉर्टर खत्म होने के बाद भारत पर जर्मनी ने 0-1 की बढ़त बनाए रखी। हालांकि भारत के गोलकीपर श्रीजेश ने इस क्वॉर्टर में कुछ शानदार बचाव किए।
भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में शानदार वापसी की और 17वें मिनट में सिमरनजीत सिंह के शानदार फील्ड गोल की बदौलत मैच का स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद जर्मनी ने लगातार भारतीय रक्षापंक्ति पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और दो मिनट के अंतराल में दो गोल दागकर भारत पर 1-3 की बढ़त बना ली। जर्मनी के लिए निकलस वेल्लेन ने पहले शानदार फील्ड गोल किया और उसके बाद बेनेडिक्ट फर्क ने ये गोल किए।
भारत ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में शानदार वापसी की और 17वें मिनट में सिमरनजीत सिंह के शानदार फील्ड गोल की बदौलत मैच का स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद जर्मनी ने लगातार भारतीय रक्षापंक्ति पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और दो मिनट के अंतराल में दो गोल दागकर भारत पर 1-3 की बढ़त बना ली। जर्मनी के लिए निकलस वेल्लेन ने पहले शानदार फील्ड गोल किया और उसके बाद बेनेडिक्ट फर्क ने ये गोल किए।
हार्दिक सिंह ने इस मैच में भारत की वापसी कराई और 26वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 2-3 कर दिया। हरमनप्रीत सिंह की ड्रैग फ्लिक को जर्मनी के गोलकीपर ने रोका लेकिन हार्दिक सिंह ने फिर रिबाउंड पर गोल दागा। इसके बाद भारत ने एक बार फिर शानदार वापसी की और जर्मनी की रक्षापंक्ति पर लगातार दबाव बनाए रखा। 28वें मिनट में उसे एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला इस बार हरमनप्रीत सिंह की ड्रैग फ्लिक ने भारत को 3-3 से बराबरी पर ला दिया।
तीसरे क्वॉर्टर में भारत इस मैच में पूरी तरह से हावी हो गया जर्मनी पर बढ़त बना ली। भारत ने इस क्वॉर्टर में दो गोल दागे।भारत के लिए चौथा गोल रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में किया। रुपिंदर पाल सिंह ने पेनल्टी स्ट्रोक पर ये गोल कर टीम को 4-3 से आगे कर दिया। इसके तीन मिनट बाद ही 34वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने एक शानदार फील्ड गोल कर भारत को इस मैच में 5-3 की बढ़त दिला दी।
चौथे क्वॉर्टर की शुरुआत से ही जर्मनी ने अटैकिंग हॉकी खेलकर भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। जर्मनी ने चौथा गोल कर इस मैच को 5-4 के स्कोर के साथ एक बार फिर रोमांचक मोड़ पर ला दिया।
1980 के मॉस्को ओलंपिक में जीता था आखिरी मे पदक
हॉकी में भारत ने अपना आखिरी मेडल 1980 के मॉस्को में ओलंपिक में जीता था। उस साल कप्तान वासुदेवन भास्करन की अगुवाई में भारत ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था। उसके बाद से अब तक का भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में आया था। जहाँ पुरुष हॉकी टीम पांचवें स्थान पर रही थी। अब इस जीत के साथ ही 41 साल बाद भारत ने ओलंपिक हॉकी में अपने पदक का सूखा समाप्त कर लिया है।
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