अपने गीत में सौरभ ने मेहनत और क़िस्मत, परिस्थिति के बारे में बताया
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा वेल डन बॉयज
वतन जायसवाल
रायपुर। इन दिनों बस्तर संभाग से एक से बढ़ कर एक प्रतिभाशाली गायक सामने आएं है। जिनकी प्रतिभा का डंका देश में बजने लगा है। पहले मासूम सहदेव दिरदो का बसपन का प्यार, फिर भोगेन्द्र बघेल का लव डोज। लेकिन अब जो वीडियो वायरल हुआ है वो है एक सरकारी अधिकारी का 'अल्फ़ाज़'। जिसमें वो मेहनत और क़िस्मत की बातें कर रहे है।
हम बात कर रहे है दंतेवाड़ा जिले के नायब तहसीलदार सौरभ कश्यप की। जिनका रैप सांग 'अल्फ़ाज़' युवाओं को प्रभावित कर रहा है। अपने रैप सांग में सौरभ ने अनुभव और उन विचारों को स्थान दिया है। जिनसे अक्सर लोग टूट कर बिखर जाते है।
27 साल के सौरभ कश्यप जगदलपुर के है। वे हमेशा कुछ अलग करने और बस्तर की छवि को निखारने के लिए कुछ न कुछ करने की सोचते थे। साल 2015 में भिलाई के शंकराचार्य कॉलेज से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सौरभ ने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। और नायब तहसीलदार बन कर दंतेवाड़ा पहुँचे। यहाँ उन्होंने इस जिले की पहचान बदलने के लिए काम शुरू कर दिया।
सौरभ का कहना है की युवा सरकारी अधिकारी अपने काम करने के तरीके से समाज को बदलते हुए नई दिशा दिखाने के लिए प्रयासरत है। वे काम करने का तरीका बदल रहे हैं। युवा अधिकारी नही चाहते की वे सरकारी बाबुओं की तरह काम करते रहे या फिर कुर्सियों से चिपक कर 9 से 5 बजे तक ही काम करे।
अपने गाने के बारे उनका कहना है कि संगीत के प्रति लेकर उनका प्रेम नया नहीं है। कॉलेज के दिनों से ही इससे उनका विशेष लगाव है। और इसी लगाव को उन्होंने अपने जन्म स्थान की छवि बदलने के लिए उपयोग किया। हालांकि, यह आसान भी नहीं था। शुरुआत में वीडियोग्राफी को लेकर मैं उत्साहित रहता था। कविता और गाने लिखता था। साल 2011-12 के करीब मैंने हिप-हॉप म्यूजिक लिखना शुरू कर दिया।
सौरभ के बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करते हुए लिखा "अमंत्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधं।अयोग्यः पुरुषः नास्ति, योजकः तत्र दुर्लभ:॥"कोई अक्षर ऐसा नहीं जिससे मंत्र न शुरु होता हो, कोई ऐसा मूल नहीं,जिससे कोई औषधि न बने। हर व्यक्ति में योग्यता होती है,उसे कम ही लोग पहचान पाते।"
Well done young man.
एक टिप्पणी भेजें