धमतरी। कलेक्टर पीएस एल्मा ने 14 नवंबर तक ज़िले के शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त करने अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत जिले में 372 स्कूलों और 25 महाविद्यालयों के प्रवेश द्वार में एक बोर्ड लगाने कहा गया है। इस 60×30 सेमी आकार के बोर्ड में ’तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान’ लिखा होगा और साथ ही उस संस्थान में तंबाकू मुक्ति के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी अथवा प्राचार्य/हेड मास्टर का नाम अंकित होगा। इसके साथ ही इन संस्थाओं में एंटी टोबैको मॉनिटर भी बनाया जाएगा, जिसका नाम भी उक्त बोर्ड में अंकित किया जा सकता है। इसके जरिए बच्चों को तंबाकू के नुकसान और होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करने की मंशा है। कलेक्टर ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत येलो लाइन अभियान भी चलाने कहा है, जिसके तहत इन शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में सड़कों पर तंबाकू निषेध जोन लिखा रहेगा। इन सभी उपायों से स्कूली और महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को तंबाकू सेवन के नुकसान से बचाने का उद्देश्य है।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डी.के.तुर्रे ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्य मे लागू कोटपा एक्ट 2003 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही कोटपा एक्ट के उल्लंघन की स्थिति में लगने वाली मुख्य धाराएं और दंड के प्रावधानों की जानकारी भी बैठक में दी। उन्होंने बताया कि धारा-4 के तहत सार्वजनिक स्थान में धूम्रपान पर प्रतिबंध है। धारा-5 के तहत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध और धारा-6 के तहत नाबालिगों को और शैक्षणिक संस्थानों के आस पास सिगरेट और तंबाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित है। इसी तरह धारा 7, 8 और 9 बिना विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनियों के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है। उल्लंघन किए जाने पर दंड के प्रावधानों की भी जानकारी बैठक में दी गई।
डॉ.तुर्रे ने सभी विभाग कार्यालय में भी तंबाकू नियंत्रण के लिए बोर्ड लगाते हुए कार्यालय प्रमुख का नाम, पदनाम उसमें अंकित करने की अपील की है, जिससे कि कोटपा एक्ट का पालन नियमानुसार किया जा सके।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रियंका महोबिया, अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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