छत्तीसगढ़ में औद्योगिक पूंजी निवेश की संभावनाओं पर हुआ विचार विमर्श
मुख्यमंत्री ने दी राज्य की उद्योग-व्यापार हितैषी नीति की जानकारी
वतन जायसवाल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ऑस्ट्रेलिया के हाई कमिश्नर बैरी ओ फारेल ने छत्तीसगढ़ और आस्ट्रेलिया के मध्य सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग और पूंजी निवेश विशेष रूप से माइनिंग और पर्यावरण संरक्षण की संभावनाओं पर चर्चा की गई। इस दौरान उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी उपस्थित थे।
ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर श्री फारेल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के समग्र विकास, आदिवासी समुदाय के उत्थान और सामाजिक संकेतकों में सुधार के लिए लागू की गई राज्य सरकार की योजनाओं में गहरी रूचि ली। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की। हाईकमिश्नर ने विकास के विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की इच्छा जतायी। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया की माइनिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता है। उन्होंने माइनिंग सर्वे, अन्वेषण-खनन तकनीक आदि क्षेत्रों में परस्पर सहभागिता की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज एवं वन सम्पदा से भरपूर राज्य है। राज्य में विभिन्न प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होंने आस्ट्रेलिया के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक सहभागिता तथा वहां के उद्यमियों द्वारा छत्तीसगढ़ में औद्योगिक पूंजी निवेश की इच्छा पर प्रसन्नता जतायी और कहा कि राज्य सरकार इसके लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में जैविक खेती और वनोंपज के वेल्यूएडिशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने छत्तीसगढ़ राज्य की सामाजिक-भौगोलिक स्थिति एवं विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक उद्योग अनिल टुटेजा, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम पी. अरूण प्रसाद, प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला, काउंसिल जनरल सुश्री रॉन एनसवर्थ, हाईकमीशन सेक्रेटरी सुश्री एमी कियोफ, बिजनेस डेवलेपमेंट मेनेजर पार्थासेन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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