भाजपा की एकजुटता और कांग्रेस की ढाई-ढाई साल की लड़ाई मुख्य वजह
धमतरी। जिस धोखेबाजी और खयाली वायदों के साथ कांग्रेस की भूपेश सरकार सत्ता में आई और अब ढाई साल के बाद उनकी घरेलू लड़ाई सार्वजनिक हो गई। इसे कहते हैं पाप के घड़े का फूटना। सीएम भूपेश बघेल के पिताजी के द्वारा एक समाज विशेष पर की गई अनर्गल टिप्पणी से उन्हें ब्रह्म हत्या का दोष लगा है। जो सीएम के ढाई साल के चक्रव्यूह में फंसने से साफ झलकता है। प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी जी के मंतव्य को तोड़ मरोड़ कर पेश करने से यह भी साबित हो गया है कि कांग्रेस दक्षिण भाषियों का कैसे मखौल उड़ाती है। जबकि राहुल गांधी की राजनीति दक्षिण भारत पर ही टिकी हुई है। पुरंदेश्वरी जी ने कहा था कि भाजपा के विधायक फूकेंगे तो कांग्रेस की सरकार और मंत्री बह जाएंगे। उस बयान में घृणा पिरोकर लोगों की सहानुभूति लेने का कांग्रेसी चाल अब चलने वाला नहीं है। उक्त बातें धमतरी विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने कही है।
उन्होंने कहा है कि दुख का विषय है कि भूपेश बघेल के सीएम बनने का गलत फायदा उनके पिता नंद कुमार बघेल उठा रहे हैं। जिनके बयानों पर कभी भी कोई प्रतिक्रिया कांग्रेस के लोगों की नहीं आई है। किसानों के आत्महत्या को मानसिक रोग से जोड़ना सरकार की मानसिक दशा को दृष्टिगोचर करता है। सत्ता की मस्ती में चूर कांग्रेस के विधायक सहित कार्यकर्ताओं द्वारा जिस तरह से अधिकारी-कर्मचारियों को अश्लील गालियां ,मारपीट की समाचार से आपको लगता है कि यह सरकार आगे ढाई साल और चलने लायक है। बदजुबानी का आलम यह है कि छत्तीसगढ़ प्रभारी श्रीमती पुरंदेश्वरी को एक दस्यु के साथ जोड़ कर बयानबाजी करना कांग्रेस के मंत्री मंडल की योग्यता पर सवाल उठाता है। बिजली और खाद की कमी से जूझते किसानों की पीड़ा कभी कांग्रेस ने साझा नहीं किया। केवल किसानों का दुरुपयोग कर समय-समय पर सरकार बचाने की कोशिश की। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ही कांग्रेस सरकार की सेहत बिगाड़ दी।
ढाई साल में केवल ढाई कोस चलने वाली भूपेश सरकार को चाहिए कि सबसे पहले माफी मांगे किसानों से, क्योंकि छूट और कर्जमाफी के नाम पर किए गए दोगले वायदे आज छत्तीसगढ़ की जनता और किसानों के लिए गले की फांस बनी हुई है। सरकार लगातार छत्तीसगढ़ प्रदेश को कर्जदार बना रही है और संभवत अगले ढाई साल तक एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने वाली देश की पहली प्रदेश बेचने वाली सरकार बन जाएगी।
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