भूपेंद्र साहू
धमतरी।दीपावली के मुख्य त्योहार के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है।यह पर्व विशेषकर ग्रामीण अंचलों में उत्साह के साथ मनाया जाता है। दोपहर को अन्नकूट के बाद शाम होते होते गोवर्धन पूजा की जाती है और एक दूसरे को गोबर का तिलक लगाकर बधाइयां दी जाती है।
धमतरी जिला के ग्राम बिरेतरा में भी बरसों से आ रही चली आ रही परंपरा आज भी कायम है। दोपहर को किसानों ने अपने जानवरों को अन्नकूट खिलाया फिर उसके बाद सभी रावत एक दूसरे के घर जा घर बाजे गाजे के साथ दोहा बोलते हुए निकले। शाम होते-होते तक मुख्य मंच के पास स्थित जगह में गोवर्धन पूजा की गई। फिर एक दूसरे को गोबर रूपी तिलक लगाकर बधाइयां दी गई।
चूंकि यह गांव विधायक रंजना साहू का भी गृह ग्राम है इसलिए उन्होंने भी लोगों को शुभकामनाएं दी।प्रतिनिधि डीपेंद्र साहू भी रावत लोगों के साथ जमकर झूमते नजर आए। बच्चे आतिशबाजी में मशगूल रहे।
क्या है कहानी
मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान श्री कृष्ण के कहने पर बृजवासियों ने भगवान इन्द्र की जगह पर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी. क्योंकि गायों को चारा गोवर्धन पर्वत से मिलता था और गायें बृजवासियों के जीवन-यापन का जरिया थीं. तब इंद्रदेव ने नाराज होकर मूसलाधार बारिश की थी और भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों की मदद की थी और उनको पर्वत के नीचे सुरक्षा प्रदान की थी. तब से ही भगवान श्री कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाये हुए रूप की पूजा की जाती है. जिसके तहत गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण दोनों की पूजा होती है।
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