मुकेश कश्यप
कुरुद। गुरुवार को साल के सबसे बड़े पर्व दीपावली का उत्साह देशभर में धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।कुरुद सहित अंचल में रोशनी के इस पर्व के प्रति हर वर्ग ने दियों की जगमग रोशनी और फटाखो की गूंज से इस महाउत्सव की खुशियो से सराबोर नजर आए।
सुबह से ही घरों व विभिन्न प्रतिष्ठानो में उत्साह चरम पर था।बाजार में एक बार फिर ग्राहकों की भीड़ नजर आई।मनभावन रंगोली और साफ सफाई से घर-आंगन में रौनकता रही।शाम होते ही जगमग दियों की रोशनी से मनमोहकता बढ़ने लगी।वहीं शुभमुहूर्त में धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा अर्चना आरती करते हुए जींवन की खुशहाली के साथ धन के भंडार के सदा भरे रहने की मंगलकामना की गई।इसी तरह रात्रि में ही विभिन्न गौरा चौक में पारंपरिक गौरी-गौरा के गीतों की गूंज व गाजे-बाजे की आवाज से सराबोर होते हुए पर्व की भव्यता में चार चांद लग गया।विधिवत रूप से गौरी-गौरा की स्थापना की गई ,वहीं लोगों ने एक-दूसरे से मेल-मुलाकात कर आपसी भाईचारे व प्रेम सद्भाव के साथ इस त्यौहार को मनाया गया।
पारंपरिक मान्यताओं के आधार पर रोशनी का पर्व दीपावली सनातन धर्म का प्राचीन पर्व माना गया है।यह प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस पर्व के साथ अनेक धार्मिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यह पर्व श्रीराम जी के लंकापति रावण पर विजय हासिल करके और चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम देवी सीता और अनुज लक्ष्मण सहित अयोध्या वापस लौटे तो नगरवासियों ने घर-घर दीप जलाकर खुशियां मनाईं थीं। इसी पौराणिक मान्यतानुसार प्रतिवर्ष घर-घर घी के दीये जलाए जाते हैं और खुशियां मनाई जाती हैं।इस तरह कुरुद सहित नगर व अंचल में इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
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