शोध को अमेरिका के प्रतिष्ठित जर्नल एल्सेवियर ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया
वतन जायसवाल
रायपुर। कोरोना वायरस ने एक ओर अपने अलग-अलग आकार-प्रकार से पुरे विश्व को और वैज्ञानिकों को परेशान कर रखा है। तो दूसरी ओर रायपुर की सेवानिवृत रसायन शास्त्र की प्रध्यापिका ने 15 प्रकार की दवाईयां को कोरोना के खिलाफ कारगर बताया है। अमेरिका के प्रतिष्ठित जर्नल एल्सेवियर ने उनके दावे को प्रकाशित भी किया है। केंद्र सरकार ने सबसे ज्यादा प्रभावी दो उत्पादों पर आगे शोध कराने के लिए 80 लाख रुपए का प्रस्ताव भी दे दिया है।
पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से सेवानिवृत्त रसायन शास्त्र की प्रोफेसर डॉ. रमा पांडेय कंम्प्यूटेशनल माडलिंग सॉफ्टवेयर के जरिए कोरोना वायरस पर 15 दवाईयों को प्रभावी बताया है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि वायरस के सामने आने के बाद महज डेढ़ साल के भीतर वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल में यदि लाया गया, तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कंम्प्यूटरेशनल मॉडल ही था। उनका दावा है कि ये 15 उत्पाद कोरोना की संरचना को प्रभावित करने में कारगर हैं। कोरोना वायरस की संरचना के मुताबिक इसमें एक स्पाइक प्रोटीन और दूसरी आरएनए होती है। खोजी गई दवाईयां स्पाइक प्रोटीन को ही खत्म कर देती हैं। इसके अलावा राइबो न्यूक्लिक अम्ल (आरएनए) को भी मार देती हैं।
इनमें सबसे अधिक प्रभावी एन-फेनिल-नेफ्थो और एन-नेफ्थिल-बेंजो हैं, जिनका इस्तेेमाल करके कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। शोधकर्ता डा. रमा पांडेय कहती हैं कि उन्होंने जिन 15 उत्पादों पर काम किया है, उनकी विशेषता यह है कि वे सभी उत्पाद दोहरा मापदंड रखते हैं। एक तरफ तो ये कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन, जो होस्ट सेल से अटैचमेंट के लिए जिम्मेदार होती है, उसको खत्म कर देते हैं तो दूसरी तरफ इस प्रोटीन परत के अंदर उपस्थित आरएनए को जो कोरोना वायरस की जान है, उसे भी बिखेर देते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में बहुत ही कम ऊर्जा लगती है और प्रभाव बहुत ज्यादा होता है, क्योंकि ये उत्पाद स्पाइक प्रोटीन और आरएनए से बहुत पास से जुड़ते हैं।
कोरोना वायरस के लिए प्रभावी दवाई खोजने के लिए विभिन्ना हाइड्रोक्सैमिक एसिड में प्रयोग किया गया। इनमें एन-फेनिल-बेंजो, एन-फेनिल-2-क्लोरोबेंजो, एन-फेनिल-4-क्लोरोबेंजो, एन-फेनिल-2,4-डाइक्लोरोबेंजो, एन-फेनिल-4-मिथाइलबेंजो, एन-फेनिल-4-नाइट्रोबेंजो, एन-फेनिल-4-एथोक्सीबेंजो, एन-फेनिल-सैलिसिलिक, एन-फेनिल-नेफ्थो, एन-नेफ्थिल-बेंजो, एन-पी-टालिलबेंजो, एन-पी-क्लोरो-फिनाइल-बेंजो, एनपी-क्लोरोफिनाइल-2,4-डाइक्लोरोबेंजो, एन-पी-क्लोरोफिनाइल-4-क्लोरोबेंजो और एन-पी-क्लोरोफिनाइल-4-ब्रोमोबेंजो पर प्रयोग किया है। इन15 हाइड्रोक्सैमिक एसिड पर किए गए शोध कार्य में एन-फेनिल-नेफ्थो और एन-नेफ्थिल-बेंजो के परिणाम श्रेष्ठ रहे।
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