भूपेंद्र साहू
धमतरी। धमतरी के जिला अस्पताल को सोमवार 14 फरवरी को 46 वर्ष पूरे हो गए। इन 46 सालों में सुविधाएं तो बढ़ी है लेकिन अभी भी कई सुविधाओं की दरकार है। सोमवार को जिला अस्पताल के स्टाफ ने स्थापना दिवस मनाकर मिठाइयां बांटी।
14 फरवरी 1976 को सिविल लाईन धमतरी में 100 बिस्तर अस्पताल की स्थापना हुई थी। तब धमतरी जिला नहीं था।धीरे-धीरे यहां सुविधाएं बढ़ती गई, बिस्तर बढ़ते गए। आज 200 बिस्तर का अस्पताल हो चुका है। 30 अतिरिक्त बिस्तर यहां पर लग चुके हैं। इन 46 सालों में अस्पताल में कई अच्छे दिन और बुरे दिन भी देखें। यहां से बहुत लोगों को खुशियां मिली तो कोई निराश भी हुआ। जिला बनने के बाद अस्पताल विकसित होने लगा है। आज क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल बन गया है। जहां पर न सिर्फ धमतरी बल्कि बालोद, दुर्ग, कांकेर, गरियाबंद जिले से भी मरीज पहुंचते हैं। लगभग सभी विशेषज्ञ यहां उपलब्ध है। कुछ सुविधाएं और मिल जाए तो जिला अस्पताल व्यवस्थित हो जाएगा।
ट्रामा यूनिट, आईसीयू की मांग
जिला अस्पताल में अतिरिक्त बुजुर्गों के लिए क्लीनिक स्पर्श क्लिनिक, नेत्र विभाग, बच्चों का विभाग, एसएनसीयू की स्थापना हो चुकी है। लेकिन अभी भी नेशनल हाईवे में स्थित होने की वजह से ट्रामा यूनिट की कमी महसूस होती है। धमतरी की जनता और मीडिया लगातार जनप्रतिनिधियों से इस यूनिट की मांग करती है। इसके अलावा आईसीयू की सख्त आवश्यकता है।बर्न के लिए कमरे बन चुके हैं लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है। वर्तमान में प्रथम तल में मॉड्यूलर ओटी का उन्नयन हो रहा है, इसके बन जाने से ऑपरेशन में और सुविधा मिलेगी। कुछ स्थानों में कमरों की स्थिति जर्जर होने लगी है। इसकी वजह से अब नए भवन की सख्त आवश्यकता महसूस हो रही है। सिविल सर्जन डॉ यू एल कौशिक ने बताया कि अभी यहां मेडिकल ऑफिसर 5 पद, विशेषज्ञों में शिशु रोग,पैथोलॉजी और स्त्री रोग विशेषज्ञ का रेगुलर पद खाली है।
रेडियोलॉजिस्ट का इंतजार
डॉ कौशिक ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट डॉ सावित्री ठाकुर की पढ़ाई जनवरी में पूरी हो चुकी है। फरवरी प्रथम सप्ताह में वह यहां जॉइनिंग देने वाली थी, लेकिन कुछ दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण से वह अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।उनका उनकी मंशा है कि जिला अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं बढ़े इसके लिए लोगों की सहयोग अपेक्षित है।
स्थापना दिवस मनाने के दौरान सिविल सर्जन डॉ यूएल कौशिक, आरएमओ डॉ राकेश सोनी, डॉ विनोद पांडे, डॉ आभा हिषीकर, डॉ ए नसीम, राजेश सूर्यवंशी, डॉ राकेश थापा सहित अन्य चिकित्सक एवं स्टाफ मौजूद थे।
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