भूपेंद्र साहू
धमतरी।माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर की निगरानी में छत्तीसगढ़ में बोर्ड की परीक्षा शुरू हो चुकी है। पहले दिन 12वीं का हिंदी का पर्चा रहा। 70 प्रतिशत सिलेबस के साथ बच्चों ने परीक्षा दी। कोरोना संक्रमण काल में 2 साल के बाद परीक्षा देते हुए ज्यादातर बच्चे उत्साहित नजर आए। इस बार शासकीय स्कूलों के साथ निजी विद्यालयों को भी केंद्र बनाया गया है।
2020 में कोरोना संक्रमण की दस्तक देने के बाद बोर्ड की परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही थी। इस बार कोरोना की रफ्तार कम होने की वजह से माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर ने निर्णय लिया कि राज्य में ऑफलाइन ही परीक्षा ली जाए। इसके लिए केंद्र को बढ़ाया गया। शासकीय स्कूलों के साथ निजी विद्यालयों को भी केंद्र बनाया गया है,हालांकि निजी विद्यालयों में शासकीय कर्मचारी केंद्र अध्यक्ष बने हैं।पहले दिन हिंदी का पर्चा के साथ 12वीं की परीक्षा की शुरुआत हुई।परीक्षा देकर निकलने पर विद्यार्थियों ने चर्चा में बताया कि सभी सेट लगभग सामान्य थे कोई खास दिक्कत नहीं हुई है ,हालांकि ब्लूप्रिंट के हिसाब से कुछ अलग हटकर प्रश्न भी पूछे गए थे।
12वीं के 153 केंद्र
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 79 मुख्य केंद्र बनाए गए हैं।जिसमें से 153 12वीं के केंद्र हैं। जिसमें निजी और शासकीय केंद्र शामिल हैं। इस बार 9804 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं। समाचार लिखे जाने तक अनुपस्थित विद्यार्थियों का आंकड़ा प्राप्त नहीं हुआ था।
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ रजनी ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से एक फ्लाइंग स्क्वाड बनाया गया है, जिसमें 4 सदस्य शामिल हैं। बोर्ड की परीक्षा में 2 सालों से विद्यार्थी केंद्र में आकर परीक्षा नहीं दे रहे थे, इस वजह से उनके लिखने की रफ्तार थोड़ी कम हुई है। बाकी सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।
निजी स्कूलों में विशेष मानिटरिंग
शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक के.कुमार ने बताया कि 70 प्रतिशत सिलेबस में प्रश्न पूछे गए हैं। अनुपस्थित विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में परिणाम सुधारने के लिए उत्तर कापी हो सकते हैं इसकी आशंका जताते हुए सभी बीईओ को विशेष मानिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।
एक टिप्पणी भेजें