वतन जायसवाल
रायपुर। इंदौर जिला न्यायालय ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू समेत छह लोगों को 11 साल पुराने एक मामले में 1-1 साल की सजा सुनाई है। इन पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इसी मामले में तीन अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। न्यायालय के निर्णय के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अब वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
मामला वर्ष 2011 का है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उज्जैन आगमन पर उनको काले झंडे दिखाने वाले भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई थी। इस मामले में दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू, जयसिंह दरबार, मुकेश भाटी, असलम लाला, महेश परमार, अनंत नारायण मीणा के खिलाफ पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। उज्जैन के भाजयुमो नेता जयंत राव ने जीवाजीगंज थाने में केस दर्ज करवाया था। अभाविप पदाधिकारी अमय आप्टे ने आरोप लगाए थे कि उन पर प्राणघातक हमला किया गया। इस मामले में दिग्विजय सिंह शनिवार को इंदौर पहुंचे और जिला न्यायालय में हाजिर हुए। न्यायाधीश मुकेश नाथ ने सजा सुनाई। थोड़ी देर बाद ही न्यायालय ने 25-25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दे दी।
न्यायालय के निर्णय के बाद दिग्विजय सिंह ने 8 बजकर 43 मिनट को ट्वीट कर इसे फर्जी बताया। उन्होंने लिखा- “11 वर्ष पुराने प्रकरण में जिसमें मेरा नाम FIR में भी नहीं था राजनीतिक दबाव में बाद में जोड़ा गया, मुझे सज़ा दी गई। मैं अहिंसा वादी व्यक्ति हूँ हिंसक गतिविधियों का सदैव विरोध करता रहा हूँ.” उन्होंने आगे लिखा, “ADJ Court का आदेश है उच्च न्यायालय में अपील करेंगे. मैं ना BJP संघ से डरा हूँ ना कभी डरूँगा चाहे कितने ही झूठे प्रकरण बना दें और कितनी ही सज़ा दे दी जाए।”
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