धर्मांतरण, शराबखोरी और अशिक्षा जैसी सामाजिक बुराइयों से आदिवासी समाज को बचाना होगा : विकास मरकाम

 


मोहंदी आदिवासी ध्रुव गोड़ समाज की वार्षिक सम्मेलन 



पवन निषाद

 मगरलोड( धमतरी)।आदिवासी ध्रुव गोंड समाज परिक्षेत्र मगरलोड का वार्षिक सम्मेलन बूढादेव मंदिर मोहदी में हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजजा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम थे। अध्यक्षता सेवक राम छेदैहा अध्यक्ष आदिवासी ध्रुव गोड़ समाज परिक्षेत्र मगरलोड ने की। विशिष्ट अतिथि खूबलाल ध्रुव जिला पंचायत सदस्य धमतरी, चुन्नी लाल ध्रुव उपाध्यक्ष आदिवासी गोड़ समाज धमतरी,अरूणा ध्रुव सरपंच ग्राम पंचायत मोहदी,हिरामन ध्रुव जनपद सदस्य मगरलोड,रंभा ध्रुव जनपद सदस्य मगरलोड, अनुसुईया ध्रुव जनपद सदस्य,विजय यदु अध्यक्ष भाजपा मंडल मगरलोड, लोकेश्वरी रोहित यादव सरपंच ग्राम पंचायत बेलोरा ,कोमल यदु पूर्व जनपद उपाध्यक्ष रहे। 

मुख्य अतिथि विकास मरकाम ने समाज को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे आदिवासी गोंड समाज का इतिहास बहुत वैभवशाली रहा है। मध्यभारत का हमारा ये क्षेत्र पहले गोंडवाना साम्राज्य के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व हम सीपी एंड बरार राज्य में रहते थे, इसकी राजधानी नागपुर थी। नागपुर को हमारे गोंड राजा बख्त बुलंद शाह ने बसाया था। बाद में हम मध्यप्रदेश राज्य के निवासी हुए। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल थी, भोपाल को भी गोंड राजा भूपत शाह ने बसाया था। भोपाल के सबसे बड़े ताल को महारानी कमला देवी ने बनवाया था। आज हम छत्तीसगढ़ राज्य में रहते है। इसकी राजधानी रायपुर है। रायपुर को भी रतनपुर के गोंड राजा राय सिंह जगत ने बसाया था। रायपुर के मध्य बूढ़ातालाब का भी निर्माण उन्होंने ही करवाया था। जबलपुर और मंडला में मंडावी राजाओं का गोंडवाना राज्य स्थापित था। बस्तर में भी नागवंशी राजाओं ने शासन किया।लंबे समय तक हमारे गोंड राजाओं का इस क्षेत्र में शासन करने का मूलमंत्र हमारी संस्कृति, सभ्यता और पूजा पद्धति थी। इस क्षेत्र के कचारगढ़ में कली कंकालीन, चंद्रपुर(महाराष्ट्र) में चांदागढ़ दाई, डोंगरगढ़ में बमलाई, रतनपुर की महामाई, चैतुरगढ़ की महिषामर्दिनी दुर्गा माई, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी माई, संबलपुर की समलाई, दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी माई जैसे देवस्थलों का साक्षात आशीर्वाद हमारे समाज को प्राप्त था। परंतु बाद में हम अपने देवी देवताओं से दूर होते गए और यही हमारे पतन का कारण बना। उन्होंने समाज को आव्हान करते हुए कहा कि अपने इस गौरवशाली इतिहास का स्मरण करते हुए ध्रुव गोंड समाज को बुलंदी पर ले जाना है तो धर्मांतरण, शराबखोरी और अशिक्षा जैसी सामाजिक बुराइयों से समाज को बचाना होगा। 

विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य खुबलाल ध्रुव ने अपने उदबोधन में आदिवासी समाज में हो रहे धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग अपनी रीति नीति और परंपराओं को छोड़ रहे है।उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए और आदिवासी समाज को इस ओर कड़ाई से ध्यान देने की आवश्यकता है।इस अवसर पर दूज राम ध्रुव राजपुर,द्विज राम मंडावी, सेवक राम छेदैहा, होरीलाल नेताम ,मदन लाल ध्रुव, सुखचंद सोरी,अशोक कुमार ध्रुव,तेजराम ध्रुव,तिलक राम ध्रुव,गौतम राम ध्रुव, बिसेसर ध्रुव, हेमलाल ध्रुव,दशरथ ध्रुव,गणेश राम मरई,पन्ना लाल ध्रुव, संतराम ध्रुव,छबिलाल ध्रुव, विमल ध्रुव,कमल सिंह ध्रुव,मोहनलाल ध्रुव,रेखराम ध्रुव,चन्द्रहास ध्रुव,शेषनारायण ध्रुव,सुदामा ध्रुव,फागू मंडावी,नारद ध्रुव,बसंत ध्रुव, उदय राम ध्रुव सहित बड़ी संख्या में सामाजिक जन उपस्थित थे।



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