वतन जायसवाल
रायपुर। त्रिदिवसीय राज्यस्तरीय मानस मंडली प्रतियोगिता के द्वितीय दिवस में मंडलियों ने प्रभु श्री राम की कथाओं का संगीतमय वर्णन अपने अनुसार किया। किसी ने अहिल्या उत्थान की कथा सुनाई तो किसी ने रामवगमन से जुड़ीं रामायण की पंक्तियों की व्याख्या की।
धमतरी जिले की मंडली ने 'राम चरन म पिरीत लगा ले, इही आही ग तोर काम कतको आये कतको चल दिस, नई हे नामे अउ निशान राम नाम के कर के कमाई इही आही ग् तोरे काम' का गान कर श्रोताओं को राम नाम के गुणगान से अवगत करा कर यह समझाने का प्रयास किया कि प्रभु श्री राम की भक्ति के सिवा और जीवन में और कुछ काम नही आने वाला।
अलग-अलग जिलों से आये रामायण मंडलियों ने सुबह से ही कार्यक्रम स्थल का वातावरण राममय बना दिया था। शाम होते होते श्रोता राम भक्ति में लीन दिखे।
सुप्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल ने जब प्रभु श्री राम का सुमिरन करते हुए 'हे राम' भजन का गायन किया तो पंडाल ही नही आएस पास का इलाका भी राममय हो गया। एक के बाद एक प्रभु भजन की प्रस्तुति। कार्यक्रम के अंतिम पलों में श्रीमती पौडवाल ने अपने पसंदीदा फ़िल्मी गीत धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना के माध्यम से अलग ही वातावरण निर्मित कर दिया। दो-तीन फ़िल्मी गीत के माध्यम से उन्होंने वहां अलग ही वातावरण निर्मित कर दिया था।
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