धमतरी।रानी दुर्गावती के शहादत दिवस के अवसर पर ग्राम लोहरसी के आदिवासी समाज ने कार्यक्रम का आयोजन किया। सर्वप्रथम कार्यक्रम में रानी दुर्गावती की शहादत दिवस पर पूरे गांव में शोभायात्रा निकाली गई जिसमें समाज की महिलाएं बच्चे और बड़े बुजुर्ग शामिल हुए। समाज के भवन में बुढ़ा देव महाराज का पूजा पाठ और आरती की गई।
दूसरे सत्र में मंचीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि नगर निगम के महापौर विजय देवांगन एवं विशेष अतिथि के रुप में जिला पंचायत सदस्य तारणी चंद्राकर,जनपद पंचायत सदस्य रोशनी पवार, पार्षद सूरज गहेरवाल,अनीता ठाकुर उपस्थित थे। कार्यक्रम में समाज के छात्र-छात्राओं एवं लड़कियों ने सामाजिक परंपरा के अनुसार नित्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महापौर विजय देवांगन ने कहा कि रानी दुर्गावती अदम्य साहस शौर्य की प्रतीक और हमारे देश की एक बहुत बड़ी वीरांगना थी रानी दुर्गावती का इतिहास बताते हुए महापौर ने कहा कि पति की मृत्यु के पश्चात शादी के 4 साल बाद ही उन्हें प्रशासन का कार्य देखना पड़ा।शत्रुओं के विभिन्न हमले के बाद भी लगातार उन्हें ने उन्होंने उनका सामना किया और जीत हासिल की। सन 1524 में जन और 1564 में वे लड़ते-लड़ते शहीद हुई रानी दुर्गावती आदिवासी समाज के साथ ही साथ सभी समाजों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। आज सभी लड़कियों को रानी दुर्गावती से प्रेरणा लेकर अपने आप को मजबूत बनाने की जरूरत है।
सभा को संबोधित करते हुए तारणी चंद्राकर ने रानी दुर्गावती के इतिहास को बताते हुए कहा कि रानी दुर्गावती से प्रेरणा लेकर हम सभी को अपने अपने घर में लड़कियों को मजबूत और साहसी बनाना चाहिए ताकि वह किसी भी परेशानी से सामना कर सकें समाज को शिक्षित एवं संगठन को मजबूत बनाने पर जोर दिया।
रोशनी पवार ने रानी दुर्गावती के इतिहास को बताते हुए अपील की है कि हर घर में लड़कियों को लड़कों से कम नहीं समझना चाहिए और किसी भी प्रकार से लड़कियों की शिक्षा में कमी नहीं की जानी चाहिए लड़कियों को शिक्षित करने पर बल दिया। इस अवसर पर अनीता ठाकुर एवं अनेक सामाजिक जनों ने कार्यक्रम को संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन पोटियाडीह के सरपंच ने किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सरजू पटेल,महिपाल ध्रुव, रामनारायण सूर्यवंशी, मुकेश नेताम, गोपीचंद नेताम, हरी नेताम, मोनिका नेताम देवनारायण गजेंद्र गोपीचंद नेताम सविता नेताम अनीता ठाकुर, पार्षद सूरज गहेरवाल एवं सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
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