5 जून से 18 नवंबर प्राकृतिक चिकित्सा दिवस तक संस्थान में आने वाले सभी मरीजों को 30 प्रतिशत की विशेष छूट भी प्रदान की जाएगी
इंदौर।विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एडवांस्ड आयुष वेलनेस सेंटर तथा एडवांस योग एवं नेचुरोपैथी हॉस्पिटल द्वारा ग्रेटर ब्रजेश्वरी स्थित सेंटर पर एक कार्यशाला सह पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रकृतिक चिकित्सा में प्रकृति का महत्व विषय पर हुई कार्यशाला को सम्मानीय अतिथियों ने संबोधित किया। अतिथियों ने प्रकृति व पर्यावरण का महत्व प्राकृतिक चिकित्सा में बताया और उसे सहजने तथा आगे आने वाली पीढ़ियों को समझाने के लिए हर किसी को सामूहिक प्रयास करने की अपील की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदौर का सांसद शंकर लालवानी, विशेष अतिथि डॉ. भूपेंद्र गौतम, मनोचिकित्सक डॉ. वैभव चतुर्वेदी, डॉ. पद्मश्री शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने की। सभी अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। तत्पश्चात सभी अतिथियों का स्वागत शॉल-श्रीफल प्रदान कर प्रकृति के प्रति जागरूकता के तहत तुलसी के पौधे भी भेंट किए।
कार्यक्रम की रूपरेखा को आगे बढ़ाते हुए श्री डॉ. एके द्विवेदी ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। डॉ. द्विवेदी ने कहा प्राकृतिक चिकित्सा में हवा, जल, मिट्टी से ट्रीटमेंट करने का ही विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यशाला सह पौधारोपण कार्यक्रम किया। जिसमें औषधिय पौधों का ही रोपण भी किया और उसके महत्व को भी समझाया। कुल 11 पौधों का रोपण किया गिया जिसमें जामुन, अनार, आंवला इत्य़ादि शामिल है जो कहीं ना कहीं मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। आज हम इन पौधों का रोपण करना भूल चुकें और अंग्रेजी पौधे लगाते हैं। जोकि महंगे व सुंदर तो दिखते हैं लेकिन खाद्य एवं औषधिय गुणों वाले नहीं होते हैं। डॉ. द्विवेदी ने यह भी कहा कि कोरोनाकाल के दौर में भी देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्र में लोग ज्यादा संक्रमित हुए। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रामीण प्रकृति के करीब रहें और शहरी प्रकृति से दूर। उक्त अवसर पर डॉ. द्विवेदी ने यह भी कहा कि लोगों में प्रकृतिक चिकित्सा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मेंबरशिप (सदस्यता) अभियान चलाएंगे जिसके तहत लोगों को सदस्य बनाएंगे तथा उन्हें एक बार सदस्य बन जाने के बाद पूरे वर्षभर में 24 बार निःशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम को मनोचिकित्सक डॉ. चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि किस तरह पौधे, पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य एक-दूसरे के पूरक है। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि आज हर व्यक्ति को जरूरत है एक पौधा लगाने की और लगभग पांच वर्षों तक उसकी नियमित देखभाल करने की। ऐसा करने से भविष्य में अच्छा संसार बनेगा।
डॉ. शर्मा ने भी संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण का भारतीय संस्कृति में काफी महत्व है। गत दिनों ही हमारी मातृशक्तियों ने वट सावित्री का व्रत किया जिसमें वटवृक्ष का महत्व है। इसके अलावा हमारी संस्कृति में पीपल में श्रीकृष्ण का वास माना है तो बरगद भी उतना ही पूज्यनीय है।
बतौर मुख्य अतिथि सासंद लालवानी ने अपने संबोधन में सबसे पहले डॉ. द्विवेदी को बधाई दी। साथ ही अतिथियों द्वारा प्रकृति व पर्यावरण पर दिए उद्बोधन की सराहाना की। सांसद ने कहा कि आज जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, ऐसे में स्वभाविक है कि कॉर्बन उत्सर्जन भी हर क्षेत्र में बढ़ेगा। इसलिए आज हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। हमारी भाजपा की सरकार भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पर्यावरण सरंक्षण के लिए लगातार कार्य कर रही है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. द्विवेदी ने सांसद लालवानी से निवेदन किया कि जिस तरह से हमने इंदौर शहर को स्वच्छ शहर बनाया है उसी तरह पौधारोपण के लिए भी जागरूकता अभियान शुरू कर इंदौर शहर को पर्यावरण संरक्षण/पौधारोपण में भी पूरे देश में नंबर वन बनाया जा सकता है।
आभार डॉ. भूपेंद्र गौतम ने माना। कार्यक्रम का संचालन दीपक उपाध्याय ने किया। अतिथि स्वागत राकेश यादव एवं डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेंद्र पूरी, डॉ. ऋषभ जैन तथा विनय पांडे द्वारा किया गया। विशेष रूप से सुभाष मट्टा, अरूण जोशी, केसी जैन, सुरेशचंद्र बजाज, प्राचार्य श्रीमती बिष्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
एक टिप्पणी भेजें