पीएसीएल में जमा रकम वापसी के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम आइसो संगठन ने सौंपा ज्ञापन

 


धमतरी।पल्स ग्रुप ऑफ कम्पनी भारत सरकार से मान्यता लेकर 1983 से पूरे देश में कारोबार कर रही थी।इसी क्रम में 1996 से पीएसीएल लिमीटेड नाम से रीयान एस्टेट (जमीन की खरीदी बिक्री) का कार्य कर रही थी, जिसे भारतीय प्रतिभूति एवम विनिमय बोर्ड (सेबी) में कम्पनी की योजना को कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट मानकर 22 अगस्त 2014 को प्रतिबंधित कर सारी सम्पत्तियां जब्त कर ली जिससे निवेशको का पैसा मिलना बंद हो गया। धमतरी जिले के 80 हजार निवेशकों का लगभग 100 करोड़ जमा है ।


ऑल इन्वेस्टर सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन पीएसीएल के निवेशकों द्वमा गठित राष्ट्रीय पंजीकृत संगठन ने बुधवार को डिप्टी कलेक्टर उमा राज को प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री और नोडल अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए 2 फरवरी 2016 को भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मानू आर अमल की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर कम्पनी की संपत्तियों को नीलाम कर निवेशकों का पैसा लौटने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रियान्वयन के लिए निवेशको द्वारा अपने संगठन के बैनर तले क्षेत्रीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर लाखों की संख्या में अनेका धरना प्रदर्शन कर जापन सौंपने के बाद भी निवेशकों के समाधान के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा भी कोई पहल नहीं की गई। 

सेबी द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश एवम भुगतान प्रक्रिया अनुसार किसी भी निवेशकों को सही ही रूप से पैसा मिलना सम्भव नहीं है। कम्पनी की प्रॉपटी रेजिडेशियल, कॉमर्सियल तथा कृषि फार्म हाउस के रूप में है, जिसका बाजार मूल्य सरकार की केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार 1.85 लाख करोड़ की है, जो कुल देनदारी से लगभग 4 गुना अधिक है, जो कि सेबी के बेवसाइट में अपलोड है। 

केन्द्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करने हेतु सांसदों को भी हर संसदीय सत्र में ज्ञापन दिए गये, परन्तु निराशा ही मिली। पिछले 2 वर्षों से कोविड महामारी के चलते आर्थिक समस्या से धरित निवेशकों ने अपनी पीड़ा ट्विटर एवम मेल जैसे सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया परन्तु केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोई पहल नहीं किया गया जिसके विरोध में एक बार फिर 24 अगस्त को संगठन के बैनर तले देश के हर जिले में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा लोडा कमेटी के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है।इसके बाद भी सरकार द्वारा कोई समाधान नहीं किये जाने पर पूरे प्रदेश के निवेशक प्रदेश के राजधानी में बड़े पैमाने पर कूच करने को मजबूर होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में धमतरी जिला अध्यक्ष कौशल कुमार साहू, प्रदेश सचिव होरी लाल साहू,उपाध्यक्ष डॉ खेमराज साहू,सदस्य रूप राम साहू, टेक चंद साहू, जोगी राम साहू, लखनलाल साहू,डॉ ओंकार साहू,मोहनलाल साहू, सुंदर लाल साहू, रमेश कुमार साहू, पवन कुमार साहू, अमित गुप्ता, शेखर साहू, मोहनलाल साहू,किशोर साहू,डॉ महेश्वरी  साहू, भोज राम साहू, रमेश कुमार साहू, शेष पटेल, डॉ महेश्वरी,उमेद सिंह साहू   जोगी राम साहू,ऋषि कुमार निर्मलकर आदि थे।



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