धमतरी।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व कोर्ट के आदेश में पीओपी और हानिकारक रंगों से बनी मूर्तियों से प्रदूषण होने की बात कहते हुए इनकी रोकथाम के निर्देश हैं। इसलिए अब इन मूर्तियों का निर्माण प्रतिबंधित किया जा चुका है।जिसके पालन में आयुक्त विनय कुमार ने बस स्टैंड के पास मूर्ति निर्माताओं की मूर्तियों का जायजा लिया। राजस्व अधिकारी को सभी मूर्ति निर्माताओं के यहां सर्वे करने के आदेश दिए।
आयुक्त ने आगामी विभिन्न त्योहारों व सार्वजनिक उत्सव के आयोजन में राज्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप संबंधित अधिकारियों को तालाब घाटों पर साफ सफाई,ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव,फागिंग,शुद्ध पेयजल,आदि की समुचित व्यवस्था करने,तालाबों में विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री को अलग-अलग कर उपयुक्त स्थल पर रखे जाने,आयोजन स्थलों के समीप संभव मोबाइल मेडिकल यूनिट रखने,आयोजन स्थलों पर आवश्यक प्रकाश व्यवस्था जैसे अन्य समुचित व्यवस्था को दुरुस्त रखने निर्देश दिया।इस दौरान कार्यपालक अभियंता राजेश पदमवार,सहायक अभियंता एसआर सिन्हा,विजय मेहरा,राजस्व अधिकारी निखिल चंद्राकर,स्वास्थ्य अधिकारी सचिंद्र थवाईत,उप अभियंता कामता नागेंद्र,कमलेश ठाकुर,लोमश देवांगन उपस्थित थे।
पीओपी से यह है नुकसान
यह सामग्री पानी में घुलनशील नहीं होती। इनमें विषैले रसायन होते हैं,जिससे पानी प्रदूषित होता है,हानिकारक रंगों में भी जहरीले रासायन होते हैं। वहीं, मिट्टी से बनी मूर्तियां पानी में घुल जाती हैं।यह हानिकारक भी नहीं होतीं।
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