भूपेंद्र साहू
धमतरी।15 अगस्त को गंगरेल बांध का जो खूबसूरत नजारा था उसके अलग 16 अगस्त को सभी गेट बंद होने के बाद से विरान नजर आया। नदी में पानी जो थमा हुआ था वही दिखाई दे रहा था। दूसरी ओर माड़मसिल्ली ने इसकी कमी पूरी कर दी 100% बांध भरने के बाद बेबी साइफन गेट खुल गया।
14-15 अगस्त को लगातार बारिश की वजह से गंगरेल बांध में पानी की बंपर आवक होने लगी। जिसके कारण से 15 अगस्त को लगभग डेढ़ लाख क्यूसेक पानी महा नदी में छोड़ा जा रहा था। इस दृश्य को निहारने सैलानी भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे थे। शाम तक बांध क्षेत्र में जमकर भीड़ दिखाई दी। थोड़ा सा समय बिता गया पानी थम गया। 16 अगस्त की सुबह जब कुछ लोग वहां पहुंचे तो देखा कि बांध के सभी गेट बंद हो चुके थे और पानी का प्रवाह बिल्कुल नहीं था। केचमेंट एरिया से पानी की आवक बंद हो चुकी थी। 16 अगस्त को बांध में मुश्किल से लगभग 3000 क्यूसेक पानी की आवक थी। नदी में पानी बंद होने से तटीय इलाकों के रहवासियों ने राहत की सांस ली है।
दूसरी तरफ माड़मसिल्ली बांध में पानी 100% भरने की वजह से 34 बेबी साइफन खुल गए, जिससे 1431क्यूसेक पानी नदी में जा रहा है। बांध में 3343 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई थी। यदि पानी की आवक बनी रही तो मुख्य सायफन खुल सकता है। सोंढुर बांध में भी 85% पानी भरा हुआ है।
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