नारकोटिक्स एक्ट के कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को अधिनियम के अन्वेषण और क्रियाविधि संबंधी दी गई जानकारी

 



इकाई के राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी एवं विवेचना अधिकारी रहे उपस्थित

धमतरी। पुलिस मुख्यालय रायपुर के निर्देशानुसार पुलिस एवं Narcotic Control Bureau Zonal Unit Indore के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को *Investigation of NDPS cases and related procedures* (स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम अंतर्गत नए प्रावधानों के तहत नारकोटिक और उससे संबंधित मामलों के अन्वेषण एवं कार्यविधि) के संबंध में पुलिस अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस कम्पोजिट बिल्डिंग पुलिस लाइन रुद्री में की गई। कार्यशाला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश धमतरी के. एल. चरयाणी, पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर साहू, सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण कांति कुमार, जिला लोक अभियोजक अजय कुमार सिंह, इंटेलिजेंस ऑफिसर अरविंद शर्मा विनय नरवरिया एनसीबी जोनल यूनिट इंदौर मंचस्थ रहे।


  जिला एवं सत्र न्यायाधीश केएल चरयाणी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नारकोटिक राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है। एनडीपीएस एक्ट के मामलों में दिए गए प्रावधानों का नियमत: अनुपालन करना चाहिए। पुलिस द्वारा नारकोटिक्स एक्ट के तहत प्रक्रियाओं का क्रमबद्ध पालन करते हुए की गई विधिवत कार्रवाई व न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत करने पर अभियोजन पश्चात निश्चित ही उसमें सफलता प्राप्त होगी।
मामले की विवेचना में त्रुटि हो तो विवेचना को प्रभावित कर सकती है इस दौरान पुलिस अधिकारियों को त्रुटि हो तो बचना चाहिए।हाल ही में धमतरी पुलिस द्वारा शहर में एनडीपीएस एक्ट के तहत की गई कार्यवाही की प्रशंसा करते हुए अधिनियम को सशक्त व प्रभावशील बनाने दिए गए प्रावधानों के तहत संपूर्ण कार्यवाही करने के निर्देश दिए।


प्रशांत ठाकुर ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के मामलों में दिए गए कानूनी प्रक्रियाओं का पूर्णत: पालन करते हुए समय-समय पर हुए संशोधन अनुसार कार्यवाही की जानी चाहिए तथा विवेचना अधिकारियों को अल्पतम त्रुटि से भी बचना चाहिए।विवेचना दौरान की गई सुक्ष्मतम त्रुटि से अभियुक्त को लाभ मिलता है। ऐसे मामलों में मुखबिर सूचना से लेकर मादक पदार्थों की जप्ती, आरोपी की धरपकड़ एवं संपूर्ण विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय प्रस्तुत करने के बाद जप्त मादक पदार्थ का ड्रग डिस्पोजल कमेटी के समक्ष नष्टीकरण करने तक की प्रक्रियाओं का पूर्णत: पालन करने के निर्देश दिए।

  सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण कांति कुमार ने कहा कि सभी मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं का विधिवत पालन करना चाहिए। साथ ही अभियुक्त के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए प्रक्रिया अपनानी चाहिए।एनसीबी जोन एंड यूनिट इंदौर से आए इंटेलिजेंस ऑफिसर  अरविंद शर्मा ने एनडीपीएस मामलों की विवेचना और उनकी क्रियाविधि के संबंध में प्रकाश डालते हुए नारकोटिक्स एक्ट के तहत आने वाले सब्सटेंस  की पहचान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा कि पुलिस कानून व्यवस्था, अपराध की रोकथाम, अपराधियों की धरपकड़ के साथ-साथ समाज व युवा वर्ग को नशे के चंगुल से दूर रखने लगातार प्रयासरत है। पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही में कानूनी प्रक्रियाओं का पूर्णता पालन करना चाहिए।
कार्यशाला में उपस्थित विवेचना अधिकारियों द्वारा किए गए प्रश्नों एवं संशय का भी निराकरण किया गया। इंटेलिजेंस ऑफिसर विनय नरवरिया ने इकाई के समस्त थाना प्रभारी एवं उनके साथ आए विवेचना अधिकारियों को नारकोटिक एक्ट के अन्वेषण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।


         कार्यशाला उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर साहू ने उपस्थित अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यशाला हेतु बहुमूल्य समय देने पर धन्यवाद ज्ञापित किया गया। मंच का संचालन अखिलेश शुक्ला ने किया। उक्त कार्यशाला में एसडीओपी नगरी मयंक रणसिंह, उप पुलिस अधीक्षक  आर.के. मिश्रा, उप पुलिस अधीक्षक एसजेपीयू  भावेश साव, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय मोहसिन खान, रक्षित निरीक्षक के देवराजू, विशेष लोक अभियोजक  नंद कुमार देवांगन, सूबेदार रेवती वर्मा एवं समस्त थाना प्रभारी उनके साथ आए विवेचनाधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए।

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