प्राचार्य व 12 वी के छात्रों की बिदाई:प्रतिभावान,जरूरतमंद छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाऊंगा:अशोक पवार

 


धमतरी। म्युनिसिपल स्कूल के  प्राचार्य अशोक पवार और कक्षा 12 वी के छात्रों को एक साथ बिदाई दी गई। स्कूल स्टाफ और छात्रों ने अभिनंदन, बिदाई समारोह का आयोजन कर भावभीनी बिदाई दी।

अशोक पवार सुबह 9 बजे अपने प्रशंसकों के साथ रत्नाबांधा चौक पहुँचे।यहा से स्कूल स्टाफ, बच्चों ने धूमाल के साथ झूमते नाचते 12 वी के सहपाठियों और प्राचार्य अशोक पवार को स्कूल तक लाए।स्कूल गेट पर फूलों की वर्षा कर उनका स्वागत किया गया।  छात्रों ने लड्डू भरी टोकरी देकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्राचार्य के हाथों स्कूल परिसर में एक पौधा भी रोपा।इसके बाद मंचीय कार्यक्रम हुआ। सबसे पहले 12 वी के छात्रों को बिदाई दी गई। मंच में अतिथि के रूप में कवि सुरजीत नवदीप,डॉ हीरा महावर, डॉ रोशन उपाध्याय, लक्खू भाई भानुशाली,कैलाश सोनी,डॉ राकेश साहू, डॉ भूपेंद्र सोनी, शत्रुघन पांडे आदि उपस्थित थे।


सीनियर छात्रों के सम्मान में 11 वी के छात्र छात्राओं ने अपने विचार रखे। साथ ही छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी।अभिनंदन और विदाई समारोह में स्कूल के शिक्षकों ने अपने प्राचार्य के लिए सारगर्भित  उद्बोधन दिए। साथ ही शिक्षकों ने प्राचार्य से रिटायरमेंट के बाद भी स्कूल स्टाफ से जुड़े रहने की अपील की।इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों ने प्राचार्य के शिक्षकीय जीवन और सेवाभावी कार्यो की भूरी भूरी प्रशंसा की।विदाई समारोह में पूर्व छात्र भी पहुचे थे, उन्होंने कहा कि पवार सर की पढ़ाई कराने का तरीका अलग था। उन्ही की बदौलत वे आज बड़े पदों पर आसीन है।

प्राचार्य अशोक पवार ने कहा कि इस अकल्पनीय जीवन मे ये मान- सम्मान कहा से पाया, कैसे पाया ये तो पता नही,लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि ये सब मेरे माता- पिता के पुण्य से ही मुझे मिल पाया। उनके आशीर्वाद से ही मैंने अपने जीवन को कृष्ण और राम बनाया।मंच से उन्होंने आगे गौ सेवा में ततपर रहने की बात कही । साथ ही स्कूल के ऐसे बच्चे जो प्रतिभावान है,लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर है,उनके पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की।अंत मे स्कूल स्टाफ ने  शाल, गमछा के साथ प्रतीक चिन्ह देकर प्राचार्य अशोक पवार को भावभीनी बिदाई दी।



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