धमतरी। महिला एवं बाल विकास विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन एवं उनकी प्रगति की जानकारी लेने कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने परियोजना अधिकारियों और आंगनबाड़ी पर्यवेक्षकों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट तौर पर दो टूक में निर्देशित किया कि आंकड़ों के बजाय निचले स्तर पर क्रियान्वयन का परिणाम परिलक्षित होने चाहिए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज नौनिहालों के भोजन पर उनका पूरा फोकस होना चाहिए। बच्चों के भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों के लिए रेडी टू ईट और निर्धारित मीनू के अलावा पास के गौठानों में उत्पादित पौष्टिक सब्जियों की आपूर्ति कराने के लिए कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया। इस अवसर पर कलेक्टर ने विभाग में संचालित सभी योजनाओं की विषयवार सूक्ष्मता से समीक्षा की।
कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने भवनविहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के संबंध में कहा कि भवन किराए पर लेने के बजाए गांवों में शासकीय भवनों का उपयोग करें। कई ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केन्द्र जैसे भवन उपलब्ध हैं, जहां पर केन्द्र संचालित किए जा सकते हैं। जलजीवन मिशन के तहत स्थापित किए गए रनिंग वॉटर सप्लाई से किए गए नल कनेक्शन जिसमें पानी नहीं आ रहा है, उन्हें भी पूर्ण के स्थान पर अपूर्ण कार्यों की सूची में शामिल करें। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भेजे जाने वाले बच्चों के संबंध में कलेक्टर ने जिले के केन्द्रों में बिस्तर की संख्या 40 से बढ़ाकर 100 की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों में बेड ऑक्यूपेंसी की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग की होगी। यदि एनआरसी के बेड खाली पाए गए तो संबंधित के खिलाफ अविलम्ब कार्रवाई की जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करने के निर्देश देते हुए उन्होंने आगामी 10 मार्च तक अनिवार्य रूप से भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर लेने के लिए कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया। इसी तरह शाला त्यागी बच्चों को रेडी टू ईट पैकेट देने के लिए सर्वे कराने के लिए कहा। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए हाट-बाजार क्लीनिक और मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत सभी जरूरी टेस्ट नियमित रूप कराने के निर्देश सेक्टर सुपरवाइजरों को दिए। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के दायरे में सारे कुपोषित बच्चों लाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। वजन त्यौहार में भी छूटे बच्चों को जोड़ते हुए उनके लिए पौष्टिक भोजन और स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सहयोग से गृहभेंट कर कुपोषित बच्चों के माता-पिता को आवश्यक सलाह देने के लिए भी कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया। इसके अलावा विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के संबंध में कलेक्टर ने एजेण्डावार समीक्षा कर प्रगति लाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया गया कि जिले में 1102 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं जो 41 सेक्टर में विभाजित हैं जिनमें से 971 केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित हो रहे हैं। पोषण पुनर्वास केन्द्र के बारे में बताया गया कि अप्रैल 2022 से अब तक 469 कुपोषित बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के तहत कुल 63 हजार 233 बच्चे, गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को लाभ मिल चुका है। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, कौशल्या मातृत्व योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नोनी सुरक्षा योजना, सक्षम योजना आदि की वार्षिक प्रगति की जानकारी बैठक में दी गई। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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