भूपेंद्र साहू
धमतरी। जिला अस्पताल में 3:50 करोड़ की लागत से स्थापित सीटी स्कैन का मंगलवार को ट्रायल किया गया, जो सफल रहा।अब इसके उद्घाटन का इंतजार रहेगा। संभावना है कि मुख्यमंत्री के आगमन पर इसे शामिल किया जाएगा।
जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर की पहली कड़ी के रूप में सीटी स्कैन स्थापित किया गया है। शासन द्वारा 3:50 करोड़ की लागत से सीमेंस कंपनी द्वारा इसे न्यू वार्ड के सामने स्थापित किया गया है। सीटी स्कैन मशीन का मंगलवार को सड़क दुर्घटना में घायल मरीज खिलेंद्र साहू 26 वर्ष कोसागोंदी के सिर का स्कैन किया गया,मरीज स्वस्थ पाया गया। इसके साथ ही मुंबई से पहुंचे इंजीनियर चिराग गंगाधर ने जिला अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉ पीतांबर प्रधान और ऑपरेटर संतराम साहू व युवराज साहू को इस संबंध में ट्रेनिंग दी। ऑपरेटर को सीटी स्कैन की बारीकियों को समझा दिया गया है।इसके पहले सीमेंस कंपनी ने रेडिएशन के संबंध में क्यू ए टेस्ट कर इसे पास कर दिया है।
कमरे से बाहर नहीं फैलेगा रेडिएशन
इंजीनियर चिराग ने बताया कि सिटी स्कैन कमरे के बाहर रेडिएशन नहीं जाएगा। बनाते समय इनकी दीवारों में लीड लगाया गया है। इसके साथ ही ऑपरेटर कक्ष और स्कैन रूम के बीच में जो कांच लगा है वह भी आरवी प्रोटेक्टेड ग्लास है। यदि मरीज के साथ कोई परिजन कमरा के अंदर आएगा तो उसे लीड युक्त एप्रन पहनाना होगा। साथ ही यदि मरीज के सिर का स्कैन किया जाएगा तो बाकी नीचे जगह पर लीड एप्रन पहनाना होगा।बताया कि सीमेंस कंपनी द्वारा यह एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीन है।इसमें सीटी स्कैन के माध्यम से एंडोस्कोपी में जो चीजें देखी जाती है वह स्कैन के माध्यम से भी देखा जाएगा।
ऑपरेटर की रहेगी कमी
वर्तमान में जिला अस्पताल में एक्सरे विभाग में 2 ऑपरेटर संतराम साहू और युवराज साहू है। इनके सहायक के रूप में दो अन्य लोग भी हैं। यदि सिटी स्कैन का काम शुरू हो जाता है तो एक ऑपरेटर को स्कैन के लिए लाना होगा। यदि कोई ऑपरेटर छुट्टी में चला जाएगा तो एक ही ऑपरेटर एक्स-रे और सीटी स्कैन को देखना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में दोनों तरफ कार्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि जीवनदीप समिति या अन्य माध्यम से एक पूर्णकालिक ऑपरेटर की नियुक्ति और की जाए।
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