विंध्यवासिनी मंदिर से पूजा अर्चना के बाद निकली झांकियां
भूपेंद्र साहू
धमतरी। महाशिवरात्रि के 1 दिन पूर्व भगवान भोलेनाथ की बारात धूमधाम से निकली।शुक्रवार की शाम विंध्यवासिनी मंदिर से पूजा अर्चना के बाद झांकियों की टोली बूढ़ेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किए। झांकियों को देखने श्रद्धालु उमड़ पड़ते थे। आकर्षक झांकियों को अपने मोबाइल में कैद करते हुए लोग दिखाई दिए। झांकियों के साथ फोटो खिंचवाने काफी उत्साह देखा गया। ना सिर्फ युवा बल्कि महिलाएं लड़कियां भी इस दौरान चल रही थी।
दिन-ब-दिन महादेव पर आस्था लोगों की बढ़ रही है। त्रिकालदर्शी नीलकंठ भगवान भोले शंकर की महिमा अपरंपार है। महाशिवरात्रि का पर्व अंचल में धूमधाम से मनाया जाएगा। बूढ़ेश्वर मंदिर के साथ नागेश्वर मंदिर एवं अन्य जगहों पर 24 घंटे का अखण्ड अभिषेक जलाभिषेक किया गया। मंदिरों में मेहंदी, हल्दी, सगाई की रस्म अभी देखने को मिली। इतवारी बाजार स्थित प्राचीन बूढ़ेश्वर मंदिर में शिवरात्रि पर सुबह 5 बजे से विविध कार्यक्रम रखे गए हैं।
इसके पूर्व शुक्रवार को शिव की बारात निकाली गई। जिसमें न सिर्फ धमतरी बल्कि विभिन्न प्रांतों से आई हुई झांकियां लोगों को आकर्षित कर रही थी। कहीं डमरु वाली की टोली के साथ झूम पड़ते तो कहीं नर कंकाल के साथ नृत्य करते लोगों की फोटो खींचते हुए दिखाई देते थे। चलित भोले शंकर, गणेश और हनुमान की मूर्तियां भी आकर्षित कर रही थी। नागा साधु भी लोगों को आशीर्वाद देते चल रहे थे। बीच-बीच में डीजे और धुमाल में लोग अपने आप को रोक नहीं पाते थे और झांकियों के साथ ही झूमते चले जा रहे थे।
शिव की बारात में प्रमुख रूप से झांकी में इन्द्र ध्वजा,धूप,त्रिपुण्ड लगाने वाले महाराज एवं सभी महाराजों का दल,गांव का बाजा आंगा देवता जी,राउत नाचा बस्तर आर्ट, बाबा महाकाल का स्वरूप रामधुनी,घोड़ी,शिव तांडव स्त्रोत झांकी डांस कलकत्ता, धुमाल,दुर्ग की झांकी,जिन कंकाल डांस(कलकत्ता),आरंग की झांकी, अघोरी बाबा की टीम बनारस,नागा बाबा,बस्तर बाजा (कोंडागांव)झांकी भैंस के साथ यमरा,डमरू टीम-बनारस और अंत मे पालकी शिव जी की थी।
एक टिप्पणी भेजें