आजादी के 75 साल बाद भी लालटेन और बिना स्वास्थ्य सुविधा,सड़क, मोबाइल नेटवर्क की जिंदगी जी रहे इस गांव के लोग...

 




 25 किलोमीटर पैदल नंगे पांव चलकर किया कलेक्ट्रेट का घेराव

भूपेंद्र साहू

धमतरी।आज देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन शायद कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता की कोई ऐसा गांव भी होगा जहां पर ना तो बिजली की सुविधा है ना स्वास्थ्य, सड़क और ना ही मोबाइल नेटवर्क... जी हां धमतरी जिले के सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र खल्लारी रिसगांव के आसपास 34 गांव के लोग ऐसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। सब्र का बांध टूटने पर सोमवार को अभ्यारण संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में आदिवासी और ग्रामीण धमतरी पहुंचे। लगभग 60 वाहनों से नगरी से निकले हुए थे लेकिन कुमड़ा मंदिर के पास वाहनों को रोक दिया गया। जहां से उनकी हिम्मत नहीं टूटी और वह पैदल ही धमतरी पहुंच गए। कलेक्ट्रेट के सामने धरना पर बैठ गए और अपनी मांगे पूरी करने की जिद पर अड़े हुए थे। डीफओ, संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार आदि अधिकारियों द्वारा लगातार समझाईश के बाद भी वे नहीं माने। कलेक्टर को बुलाकर आश्वासन देने की मांग करने लगे।

अभ्यारण्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष भगवान सिंह नाग, संयोजक बीरबल पद्माकर, परमानंद कश्यप, भोजराज ध्रुव सहित समस्त पदाधिकारियों ने कहा कि धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक के रिसगांव, करही, खल्लारी और फरसगांव यह गांव सीतानदी अभ्यारण्य के इलाके में आता…आज भी विकास से कोसो दूर है..आजादी के 75 साल बाद भी रिसगांव, करही, खल्लारी और फरसगांव के ग्रामीणों को लालटेन युग मे जीवन जीने को मजबूर है। जहां लोग 4G, 5G में पहुंच गए हैं वही इस क्षेत्र के लोग नेटवर्क को तरस रहे हैं। जहां बिजली से बड़े से बड़े कारखाना और छोटे से छोटे घरों में बिजली पहुंच रही है वही इस क्षेत्र के लोग इस बिजली की दुनिया से बहुत दूर है।आज शासन-प्रशासन पूरी सुविधा देने की बात करती है वही इस क्षेत्र के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिऐ तरस रहे है…


धमतरी जिले के नगरी ब्लॉक मुख्यालय से 30 से 35 किलोमीटर दूर बसे भीरागांव से खल्लारी चमेंदा और रिसगांव से जोरातराई ग्रामीणों की जिन्दगी मे आज भी नही आया उजियारा बिजली व अन्य बुनियादी सुविधा के अभाव मे लालटेन के सहारे जिन्दगी गुजार रहे। क्रेडा द्वारा स्थापित सोलर पेनल शो पीस बना है।ग्रामीणों ने बताया कि जिला प्रशासन से बहुत लंबे समय से बिजली की मांग है जबकि विद्युत पोल गड़ चुका है। इस क्षेत्र में सिर्फ तारों का जाल बिछाना बाकी मगर ऐसा क्या हुआ कि तार बिछाने को नहीं दिया गया और सिर्फ जल्दी ही विद्युत पहुंचाने का आश्वासन दिया जाता है। जवाबदारों से मिलाने पर चाहे जनप्रतिनिधि हो या प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ देते हैं आश्वासन आश्वासन सुन सुनकर परेशान ग्रामीण अभ्यारण संघर्ष समिति रिसगांव के बैनर तले सड़क पानी बिजली आदि मांगों को लेकर हजारों की जनसंख्या में सोमवार को कलेक्ट्रेट घेराव करने पहुंचे हैं।


गोड़ समाज के तहसील अध्यक्ष रामप्रसाद मरकाम ने कहा कि इलाके में आधा दर्जन नदी नालों में पुल और पुलिया की जरूरत है,गांवों में सड़क नहीं है, गर्मियों के दिन में तो जैसे तैसे आवागमन हो जाता है, लेकिन जैसे बरसात के दिनों में बात जान पर आ जाती है,यहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर भी कुछ नहीं है। हमने रिसगांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की मांग की है। इसके अलावा पानी की टंकी और मुख्य चौक चौराहों पर लाइट की व्यवस्था की मांग की…लेकिन अब तक पूरा नहीं किया गया, इस वजह से अब हम शासन प्रशासन से लड़ने के लिए मजबूर हैं।



सिर्फ वोट लेने आते हैं

 रिसगांव की मीना ने बताया कि भाजपा हो चाहे कांग्रेस, लोग सिर्फ यहां पर वोट मांगने आते हैं और पांव पड़ते हैं। काम होने के बाद कोई पूछने भी नहीं आता। आज कैसी जिंदगी जी रहे हैं इसके कोई सुध लेने वाला नहीं है। जब तक कलेक्टर नहीं आ जाते तब तक यहां से नहीं हटेंगे।

जिला पंचायत सदस्य मनोज साक्षी ने कहा कि आजादी के बाद भी आज उस क्षेत्र के लोग अंधेरे में जिंदगी जीने को मजबूर हैं इन सबकी मांगों को लेकर वह कलेक्टर के पास पहुंचे हैं।


घेराव को देखते हुए कलेक्ट्रेट के सामने दो लेयर का बैरिकेड और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। अधिकारी लगातार समझाइश देते रहे लेकिन वह आश्वासन की मांग पर अडिग रहे। इस दौरान सिहावा के पूर्व विधायक श्रवण मरकाम, जिला पंचायत सदस्य खूबलाल ध्रुव भी मौजूद रहे।


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