प्राचीन राम मंदिर कुरूद में कल होगा रंगपंचमी पर बसन्त उत्सव कार्यक्रम

 


मुकेश कश्यप

कुरुद।रविवार को रंगपंचमी के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष की परम्परा का निर्वहन करते हुए नगर के प्राचीन राम मंदिर में बसन्त उत्सव का आयोजन रखा गया है।इस पुनीत बेला में पारम्परिक नंगाड़े की थाप पर फाग गीत गाते हुए फूलों की होली के साथ रंगों के उत्सव की खुशियां बिखेरी जाएंगी।

मिली जानकारी अनुसार हर साल की परंपरा के तहत इस पावन धाम में रँगपचमी पर बसंत उत्सव मनाया जाता रहा है। जहां नगर के धर्म एवं कलाप्रेमी एकत्र होकर भगवान श्रीराम चन्द्रजी का आर्शीवाद लेकर उनके चरणों मे श्रद्गासुमन अर्पित कर फाग गीत गाते हुए होली के उत्सव की खुशियां बिखेरते है।पूरे नगर में होली के बाद रँगपचमी पर मनाए जाने वाले इस उत्सव की एक अलग पहचान है।जिसका आनंद देखते ही बनता है।यह प्रभु श्रीराम चन्द्र जी के साथ अवध के फूलों की होली का आनंद है।

 


 बसन्त उत्सव का कुछ यूं होता है नजारा 

हर जगह फूलों के साथ एक असाधारण आश्चर्यजनक फूलन की होली या होली मनाई जाती है। फूलों की होली के उल्लास के लिए भगवान श्रीकृष्ण की मनोरम अभिव्यक्ति और उनकी आराध्य साथी को सुंदर फूलों और ताजा खिलने वाली मालाओं से भव्य रूप से सजाया जाता है।फूलों की होली मुख्य रूप से एकादशी के दिन मनाई जाती है, जो प्रमुख होली से कुछ दिन पहले होती है, ,  हजारों उत्साही लोग इस शानदार उत्सव में शामिल होंगे हैं।प्राचीन राम मंदिर स्थल के अंदर एक अनोखे उत्साह और उत्साह के साथ होता है। यह प्यारा पुष्प उत्सव इस मायने में अनूठा है कि यह पारंपरिक सिंथेटिक सूखे या गीले रंगों के साथ नहीं खेला जाता है। इसके बजाय, यह फूल, गुलाब की पंखुड़ियों के साथ खेला जाता है, जिससे इसे फूलन वाली होली है ।



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