इंदौर। कोविड के बाद देश में एक बार फिर एक वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा हैं और वो है इन्फ्लुएंजा वायरस H3N2. H3N2 को इंफ्लुएंजा ए वायरस का सब टाइप कहा जा रहा है। इस वायरस का बढ़ता संक्रमण एक बार फिर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता का कारण बन गया है। क्योंकि इस वायरस से देश में कुछ मौतों की भी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। वहीं बदलते मौसम में सीजनल होने वाली बीमारियों के बीच यह इन्फ्लुएंजा वायरस लोगों को दौहरे तौर पर बीमार कर रहा है। ऐसे में अनेक लोग इसे नार्मल सर्दी-खांसी-बुखार मानकर व जल्दी ठीक होने की आशा में अपने हिसाब से दवा खा रहे हैं जोकि ठीक नहीं है। इस वायरस की चपेट में आने वालों के लिए होम्योपैथिक में भी अनेक दवाएं हैं जो मरीज को कुछ ही दिनों में राहत देने में कारगर है वहीं होम्योपैथिक दवाओं का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता और यह सुरिक्षत भी है।
इंदौर के प्रख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक और आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति (केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद्) के सदस्य तथा प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी, एस के आर पी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज इंदौर,
डॉ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार इन्फ्लुएंजा H3N2 वायरस में मरीज को पहले गले में खराश, कफ, बदन दर्द, सीने में हल्का दर्द, जुखाम, बुखार और फिर उसके बाद खांसी व बाद में पेट में हल्का दर्द होता है। उक्त सभी इन्फ्लुएंजा H3N2 वायरस के मुख्य लक्षण है। लेकिन आमजन इससे घबराएं नहीं और कोई भी उल्टी-सीधी दवा ना लें।
डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार होम्योपैथी दवाईयां इन्फ्लुएंजा अथवा लंबे समय से चले आ रही सर्दी, खांसी बुखार पर अत्यंत कारगर साबित हो रही है। आपने बताया कि पिछले एक मार्च से काफी सारे ऐसे लोग मेरे पास आ रहे हैं जिन्हें 20-25 दिन तक लगातार सर्दी, खांसी, हरारात, कमजोरी इत्यादि बनी हुई थी और पूर्व में दूसरी चिकित्सा प्राणाली से इलाज काराकर काफी सारे कफ सिरप भी पी लिए लेकिन खांसी में आराम नहीं मिला। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि कुछ मरीज ऐसे भी आए जो सूखी खांसी के कारण रातभर सो नहीं पा रहे थे क्योंकि सोते ही उनकी खांसी बढ़ जाया करती थी और वे छाती में दर्द तथा श्वांस लेने की परेशानी बता रहे थे। उन्हीं लक्षणों के आधार पर जब होम्योपैथिक दवाए दी गई तो 3 से 5 दिन में उन्हें पूर्णतः स्वास्थ्य लाभ मिल गया।
डॉ. द्विवेदी आगे यह भी बताते हैं कि आयुष मंत्रालय द्वारा बताई गई होम्योपैथी की दवा आर्सेनिक एल्बम लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ बार-बार होने वाली सर्दी, खांसी और जुखाम से भी बचा सकती है। डॉ. द्विवेदी ने सभी पालकों से आग्रह किया कि डेढ़-दो साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों को होम्योपैथिक दवाएं अवश्य दें जिससे इस उम्र में वे बार-बार बीमार होने से बच सकें।
इन्फ्लुएंजा वायरस के मरीजों में दिख रहे ये लक्षण
डॉ. एके द्विवेदी का कहना है कि जो मरीज इन्फ्लुएंजा वायरस के H3N2 स्ट्रेन से संक्रमित हैं। ऐसे मरीजों को 2-3 दिनों तक तेज बुखार बना रहता है। शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन इसके अलावा मरीज में लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है। ये फ्लू के सामान्य लक्षणों में गिने जाते हैं। वहीं कुछ मरीजों में वायरल फीवर के साथ, सर्दी, खांसी और ब्रॉन्काइटिस जैसी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। वहीं, सीने में जकड़न और वायरल इंफेक्शन के मामले भी देखे जा रहे हैं।
इस तरह बचे इन्फ्लूएंजा फ्लू से
संक्रमण से प्राथमिक तौर पर बचाव के लिए आमजन गुनगुने पानी में नमक, हल्दी व फिटकरी डालकर गरारे करें, दूध पियें तो हल्दी मिलाकर पिये, चाय में तुलसी के पत्ते उबालकर पिये, फेस मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें, नाक और मुंह छूने से बचें, खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें, खुद को हाइड्रेट रखें, पानी के अलावा फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें।
एक टिप्पणी भेजें