जिले को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने हेतु चल रही मुहिम
धमतरी । उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के दो लाख असाक्षरों को साक्षर किया जायेगा।कलेक्टर सुश्री नम्रता गाँधी ने बताया कि कि इसके तहत 15 वर्ष से अधिक असाक्षर को सम्मानजनक जीवन जीने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के साथ- साथ महत्वपूर्ण जीवन कौशल जिसके अंतर्गत डिजिटल, वित्तीय, कानूनी, मतदान एवं पर्यावरण आदि से संबंधित जानकारी दी जाएगी, उनमें व्यावसायिक कौशल का विकास, बुनियादी शिक्षा देने के साथ-साथ सतत शिक्षा के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण धमतरी द्वारा जिले चारों विकासखंड में असाक्षरों व स्वयंसेवी शिक्षकों के पंजीयन की प्रक्रिया जारी है। धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी मेंचल रही मुहिम में कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि अपने आसपास के असाक्षरों की पहचान की जाए और साक्षरता विभाग को अवगत कराया जाए, ताकि उन्हें भी सर्वे सूची में शामिल कर साक्षर बनाने का काम किया जा सके। साथ ही सभी स्कूल शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, विहान योजना, सेवानिवृत्त शिक्षक एवं सभी वर्ग के लोगों को जोड़कर इस कार्यक्रम को सफल बनाना है और यह निरंतर प्रयास रहेगा कि देश का जन-जन साक्षर बने। इसके साथ ही जिला स्तर के सभी अधिकारी इस अभियान में स्वयंसेवी की भूमिका में रहेंगे तथा जहां भी असाक्षर मिले उनका नाम दर्ज कराएंगे और उन्हें साक्षर बनाएंगे।
जिला परियोजना अधिकारी के.के. साहू ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्मित ’’उल्लास एप’’ के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन से असाक्षर, स्वयं सेवी शिक्षक, सर्वेयर के पंजीयन व सर्वे कार्य के प्रक्रिया की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि उल्लास केंद्र की स्थापना कर और असाक्षरों को सिखाने व परीक्षा केंद्र के रूप में उपयोग किया जाना है। साथ ही साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मिशन मोड में कार्य करने तथा शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश सभी ग्राम प्रभारीयों को जा रहे हैं।
रिसोर्स पर्सन प्रीति शांडिल्य ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा। इसके तहत पढ़िए कहीं भी कभी भी की थीम पर कार्य किया जाना है इस कार्यक्रम में दिव्यांगजन तथा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उल्लास मोबाइल एप पर शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे क़र डेटा एंट्री किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसानुसार नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इस कार्यक्रम के पाँच प्रमुख घटक हैं- बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, जीवन कौशल (वित्तीय, डिजिटल, कानूनी, मतदान साक्षरता इत्यादि), व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा (समतुल्यता कार्यक्रम) और सतत् शिक्षा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के लोगों के लिए है। यह कार्यक्रम 2027 तक संचालित किया जाना है। जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण की कार्यकारिणी के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर होंगे।
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